फिल्मनगरी मुंबई में कितने ही लड़के लड़कियां मन में रुपहले परदे पर आने का ख्वाब सजा कर आते हैं. ऐसे में फिल्मी लाइन से जुड़े किसी कलाकार का भाई या बहन कोशिश करे तो उसे थोड़ी बहुत सक्सेस मिल ही जाती है.
ताकतवर पिता के बिगड़ैल बेटे कोई न कोई गुल खिलाते ही हैं, क्योंकि उन्हें पिता और परिवार का संरक्षण मिलता है. प्रधान कृपाशंकर के बेटे प्रिंस ने भी यही किया.
ज्योति और संतोष तब से एकदूसरे को प्यार करने लगे थे, जब संतोष की पुलिस में नौकरी नहीं लगी थी और ज्योति पढ़ रही थी. लेकिन नौकरी लगते ही संतोष की सोच बदल गई.
स्वाति प्लास्टिक सर्जरी से अपने प्रेमी का चेहरा बदलवा कर उसे अपना बनाकर रखना चाहती थी. इस साजिश के तहत उसने पति की हत्या तो करवाई ही, साथ ही कुछ ऐसा किया जो किसी ने भी नहीं सोचा था.
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