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[Hindi] - Thakur ka Kuan (Hindi Edition) / ठाकुर का कुआँ
मुंशी प्रेमचंद की कालजयी कहानियों में से एक 'ठाकुर का कुआँ' सामाजिक अन्याय, जातिगत भेदभाव और शोषण पर गहरी चोट करती है। यह कहानी भारतीय समाज की उस सच्चाई को उजागर करती है जहाँ निम्न वर्ग के लोगों को मूलभूत अधिकारों से भी वंचित रखा जाता है। कहानी एक गरीब दलित महिला की है, जो अपनी बीमार पति के लिए पानी लेने के लिए ठाकुर के कुएँ तक जाने की हिम्मत जुटाती है, लेकिन ऊँच-नीच के भेदभाव के कारण उसे अमानवीय स्थितियों का सामना करना पड़ता है। प्रेमचंद अपनी सशक्त लेखनी के माध्यम से सामाजिक बुराइयों पर करारा प्रहार करते हैं और पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं। यदि आप हिंदी साहित्य और सामाजिक यथार्थ से जुड़ी मार्मिक कहानियाँ पसंद करते हैं, तो यह ऑडियोबुक आपके लिए अवश्य सुनने योग्य है।
Munshi Premchand (Author), Preeta Shukla (Narrator)
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[Hindi] - Naag Pooja - A Story by Munshi Premchand: नागपूजा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
नागपूजा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - Naag Pooja - A Story by Munshi Premchand'नागपूजा' मुंशी प्रेमचंद की एक अनोखी और प्रेरणादायक कहानी है, जो भारतीय समाज की परंपराओं और विश्वासों को उजागर करती है। यह कहानी इंसानी भावनाओं और सांस्कृतिक धरोहर के बीच के संबंध को गहराई से दिखाती है। कहानी का नाम: नागपूजा लेखक: मुंशी प्रेमचंद मुख्य विषय: परंपरा, आस्था, और मानवीय संवेदनाएं कहानी की विशेषताएं: ग्रामीण भारत की संस्कृति और परंपराओं का चित्रण आस्था और समाज के बीच का संबंध मुंशी प्रेमचंद की विशिष्ट शैली में संवेदनशीलता और सादगी मुंशी प्रेमचंद की लेखनी के इस अनमोल रत्न का आनंद लें और इसे अपने मित्रों और परिवार के साथ साझा करें। मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया। प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
Munshi Premchand (Author), Munshi Premchand (Narrator)
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[Hindi] - Hajj-e-Akbar - A Story by Munshi Premchand: हज्ज-ए-अकबर - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
हज्ज-ए-अकबर - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - Hajj-e-Akbar - A Story by Munshi Premchand'हज्ज-ए-अकबर' मुंशी प्रेमचंद की एक गहरी और विचारोत्तेजक कहानी है, जो समाज में धर्म और मानवता के सही अर्थों पर आधारित है। यह कहानी इंसानियत, आत्म-त्याग, और जीवन के गहरे मूल्यों को उजागर करती है। कहानी का नाम: हज्ज-ए-अकबर लेखक: मुंशी प्रेमचंद विषय: धर्म और मानवता का वास्तविक अर्थ कहानी के मुख्य बिंदु: हज की धार्मिक यात्रा और इसकी सच्ची भावना नैतिकता बनाम बाहरी आडंबर का द्वंद्व मानवता की महत्ता और समाज को दिशा देने वाले मूल्य मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी धर्म और मानवता के गहरे अर्थों को समझने की प्रेरणा देती है। इसे सुनें और जीवन के उच्च आदर्शों से जुड़ें। मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया। प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
Munshi Premchand (Author), Munshi Premchand (Narrator)
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Visham Samasya is a Hindi short story by legendary storyteller Munshi Premchand. Narrated by Nidhi Bisht, this audiobook provides the audience with an immersive experience in Premchand`s world, a must listen for all Hindi literature fans.
Munshi Premchand (Author), Nidhi Bisht (Narrator)
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Namak ka Daroga is the most famous short story written by legendary Hindi classical author Munshi Premchand. Narrated by Nidhi Bisht , this audiobook is a must listen for every Hindi literature lover.
Munshi Premchand (Author), Nidhi Bisht (Narrator)
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Bade Ghar ki Beti is a classically acclaimed short story by legendary storyteller Munshi Premchand. The author tells us here about the various problems faced in a joint family and how they are overcome through love and mutual understanding.
Munshi Premchand (Author), Nidhi Bisht (Narrator)
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Subhagi - Munshi Premchand: सुभागी - मुंशी प्रेमचंद
Subhagi - Munshi Premchand - सुभागी - मुंशी प्रेमचंद'सुभागी' मुंशी प्रेमचंद लिखित गांव की एक भोलीभाली लड़की की कहानी है। इस कहानी में मुंशीजी ने पुरुष शासित समाज में एक नारी के आत्ममर्यादा के संघर्ष के बारे में बताया है। यह एक मधुर व मर्मस्पर्शी कथा है। 1 . छोटी सुभागीशो के पहले एपिसोड में मिलिये हमारी छोटी सी सुभागी से महज़ ग्यारह वर्ष की सुभागी अपने माता-पिता को हमेशा खुश और सुखी रखने की कामना करती है. सारा दिन बाज़ार में मेहनत कर जो भी कमाती है, वो अपने माता-पिता के लिये जमा करती है. ऐसी सयानी बिटिया के माता-पिता को भला, उस पर गर्व कैसे ना हो. लेकिन सुभागी के जीवन से जुड़ी एक चिंता उन्हें हमेशा खाये जाती है. आइये उनकी इस चिंता के बारे में सुनते हैं 2 . बंटवारासुभागी ने कभी भी अपने भैया और भाभी की गृहस्थी में अपने कारण कोई परेशानी नहीं आने दी है. फिर भी वो उन्हें एक आंख नहीं भाती है. वे हमेशा उसे कोसते रहते हैं. यहाँ तक की अपने माता-पिता को भी बुरा-भला कह देते हैं. इस बार तो उन्होंने हद पार कर दी! भरी पंचायत में बंटवारा की मांग की, सुभागी को लगता है कि इस बटवारे के पीछे की असली वजह वह है. क्या उसका यह डर सही है? 3 . भाई या बैरीइस एपिसोड में सुनिये किस तरह एक बेटा अपने माता-पिता के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाने से इनकार करता है और एक बेटी, बेटा बनकर उनका सहारा बनकर दिखाती है 4 . किस्त की पक्कीपिता के जाने के बाद अब सुभागी को माता के बीमार होने का गम सता रहा था. लेकिन वह टूटी नहीं, बल्कि और भी ज़्यादा सशक्त होकर अपना जीवन जीने लगी। 5 . संघर्ष का अंतआखिकार सुभागी सज्जन काका का कर्ज़ चुकाने में सफ़ल हुई. उसके संघर्षों का अंत हुआ और उसने
Munshi Premchand (Author), Munshi Premchand (Narrator)
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Thakur Ka Kuan - Munshi Premchand: ठाकुर का कुआं - मुंशी प्रेमचंद
ठाकुर का कुआंठाकुर का कुआं: ग्रामीण परिवेश को लेकर उफंची तथा नीची जाति संस्कृति को उकेरती यह कहानी आम आदमी की दिल की गहराई तक उतर जाती है। कहानी की नायिका गंगी गांव के ठाकुरों के डर से अपने बीमार पति को स्वच्छ पानी तक नहीं पिला पाती है। इस विवशता को पाठक अपने अंतर तक महसूस करता है, यही लेखक की महानता का परिचायक है। कितने दुर्भाग्य की बात है कि यह कुप्रथा आज भी स्वतंत्रा भारत के हजारों गांवों में बदस्तूर जारी है। इसके अलावा हम इस पुस्तक में मुंशी प्रेमचंद की अन्य कहानियों को भी शामिल कर रहे हैं जो न केवल सरल भाषा में लिखी गयी हैं बल्कि पढ़ने वालों को नई प्रेरणा और सीख भी देती हैं। दुनिया में प्रथम पंक्ति के सुविख्यात लेखक प्रेमचंद की कहानियों का यह भाग उनकी मूल रचना है। इसमें किसी तरह की कांट-छांट नहीं की गयी है। हिन्दी साहित्य के यशस्वी लेखक मुंशी प्रेमचन्द की रचनाओं ने कोटि-कोटि हिन्दी पाठकों के हृदय को तो छुआ ही है, साथ-ही-साथ अन्य भाषाभाषियों को भी प्रभावित किया है। उनकी रचनाएं साहित्य की सबलतम निध् िहैं। उनकी कहानियों को मानसरोवर के आठ खंडों में समाहित किया गया है, जिसे डायमंड पाकेट बुक्स ने आकर्षक आवरण में चार भागों में प्रकाशित किया है। इस खंड में हम उनकी यादगार कहानी ठाकुर का कुआं को प्रस्तुत कर रहे हैं। कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंदकलम के जादूगर प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी बड़े ही ध्यान और सम्मान के साथ सुनी जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं प्रेमचंद की वो कहानियाँ जो उनके कथा संकलन ‘मान सरोवर’ से ली गई हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ अपने समय की हस्ताक्षर हैं जिनमें आप तब के परिवेश और समाज को भी बखूबी समझ सकते हैं। यूं तो मुंशी जी ने अपनी कहानियाँ हिंदी में ही लिखी हैं फिर भी हमारा ये प्रयास है
Munshi Premchand (Author), Munshi Premchand (Narrator)
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Gulli Danda: MyStoryGenie Hindi Audiobook 2: The Tip-cat Buddies
Gulli Danda is the story of the annals of time that reverberates in our deep consciousness, where both joy and sadness of the bygone days nurture our memories of the time spent well and its association. Humans outgrow their past, but that past remains rooted in their psyche and keeps drawing them back into its fold as their hearts try to reclaim the magical touch of the moments well past. In this story, legendary litterateur Munshi Premchand, with his characteristic empathetic writing skill, weaves together two yesteryear friends from distinctly differing socio-economic backgrounds. The story unfolds like a thought experiment as it probes the bonding of the two primitive hearts through the filter of social status and class standing in the present. Need we say this literary gem is a collector's souvenir as a testament to a prolific writer's contribution to Hindi literature? Discover many more such Hindi & Bengali audio stories by typing mystorygenie in the search bar without leaving any space between the different English alphabets.
Munshi Premchand (Author), Omprakash Yadav (Narrator)
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Satranj Ke Khiladi: MyStoryGenie Hindi Audiobook 1: The Chess Players
The story is among the all-time literary classics penned by the legendary Hindi litterateur Munshi Premchand, which succinctly captures the crumbling socio-economic fabric of the Indian state during the last days of the Nawabs of Awadh during the mid-nineteenth century. With the weakening of the central leadership of the Mughals in Delhi, the regional satraps and the nobility characterized by the nawabs and kings became lazy with heavy indulgence in luxury and vices. Civic administration and economic efficiency became a direct casualty, and even the general population became listless. It was in that backdrop that Premchand weaved together a literary masterpiece that rues the decadence of the troubled mass as it lay decrepit morally, economically, and culturally. Discover many more such Hindi & Bengali audio stories by typing mystorygenie in the search bar without leaving any space between the different English alphabets.
Munshi Premchand (Author), Omprakash Yadav, Padmini Sao (Narrator)
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कामना-तरु - मुंशी प्रेमचंद: Kamna Taru- Munshi Premchand
कामना-तरु - मुंशी प्रेमचंद | Kamna Taru- Munshi Premchandएक राजकुमार के एक मामूली सी लड़की के प्रेम और फिर बिछोह की अमर कहानी जो मरने के उपरांत भी कैसे जीवित रहा। कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंदकलम के जादूगर प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी बड़े ही ध्यान और सम्मान के साथ सुनी जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं प्रेमचंद की वो कहानियाँ जो उनके कथा संकलन ‘मान सरोवर’ से ली गई हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ अपने समय की हस्ताक्षर हैं जिनमें आप तब के परिवेश और समाज को भी बखूबी समझ सकते हैं। यूं तो मुंशी जी ने अपनी कहानियाँ हिंदी में ही लिखी हैं फिर भी हमारा ये प्रयास है की उनकी कहानियाँ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचे और इसलिए हमने उन्हें थोड़ी और सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। इन कहानियों को ख़ास आपके लिए तैयार किया है। तो आइए सुनते हैं प्रेमचंद की विश्व प्रसिद्ध कहानियाँ!
Munshi Premchand (Author), Munshi Premchand (Narrator)
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Amavasya Ki Raatri - Munshi Premchand: अमावस्या की रात्रि - मुंशी प्रेमचंद
Amavasya Ki Raatri - Munshi Premchand | अमावस्या की रात्रि - मुंशी प्रेमचंदबीमार पत्नी के इलाज पर खर्च करने के लिये धन के नाम पर अगर कुछ था तो सिर्फ़ हुंडियों का पुलिंदा, वैद्य ने भी बिना पैसे के इलाज करने से मना कर दिया। कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंदकलम के जादूगर प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी बड़े ही ध्यान और सम्मान के साथ सुनी जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं प्रेमचंद की वो कहानियाँ जो उनके कथा संकलन ‘मान सरोवर’ से ली गई हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ अपने समय की हस्ताक्षर हैं जिनमें आप तब के परिवेश और समाज को भी बखूबी समझ सकते हैं। यूं तो मुंशी जी ने अपनी कहानियाँ हिंदी में ही लिखी हैं फिर भी हमारा ये प्रयास है की उनकी कहानियाँ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचे और इसलिए हमने उन्हें थोड़ी और सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। इन कहानियों को ख़ास आपके लिए तैयार किया है। तो आइए सुनते हैं प्रेमचंद की विश्व प्रसिद्ध कहानियाँ!
Munshi Premchand (Author), Munshi Premchand (Narrator)
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